आधार जगत का प्रेम प्रेम, आह्लाद जगत का प्रेम प्रेम।
वाणी बस एक प्रेम प्रेम , विस्तार जगत का प्रेम प्रेम।।
आनंद जगत का प्रेम प्रेम, अनुदान जगत का प्रेम प्रेम।
पुकार जगत की प्रेम प्रेम , लक्ष्य जगत का प्रेम प्रेम।।
रस की धारा है प्रेम प्रेम, आँखों की भाषा प्रेम प्रेम।
राधा का जीवन प्रेम प्रेम , कान्हा की लीला प्रेम प्रेम।।
सबकी अभिलाषा प्रेम प्रेम , विरहिणी की आशा प्रेम प्रेम।
मित्रों का साँझा प्रेम प्रेम , तेरी मेरी गाथा प्रेम प्रेम।।
वाणी बस एक प्रेम प्रेम , विस्तार जगत का प्रेम प्रेम।।
आनंद जगत का प्रेम प्रेम, अनुदान जगत का प्रेम प्रेम।
पुकार जगत की प्रेम प्रेम , लक्ष्य जगत का प्रेम प्रेम।।
रस की धारा है प्रेम प्रेम, आँखों की भाषा प्रेम प्रेम।
राधा का जीवन प्रेम प्रेम , कान्हा की लीला प्रेम प्रेम।।
सबकी अभिलाषा प्रेम प्रेम , विरहिणी की आशा प्रेम प्रेम।
मित्रों का साँझा प्रेम प्रेम , तेरी मेरी गाथा प्रेम प्रेम।।
No comments:
Post a Comment