कल तक तो आप, इतने जाने पहचाने न थे,
पर आज इतने करीब हैं, कि हम खुद को भूल जाते हैं।
कल तक तो आप 'आप' थे, और था मैं अजनबी,
आज 'तुम' हो गए हैं, और होश उड़ाये जाते हैं।
कल तक इन आँखों में ये खुमार न था ,
आज वो जाने क्यूँ , दिल की कसक बढ़ाये जाते हैं।
वर्ष १९९५ में लिखा था, नीचे देखें डायरी के पृष्ठ की फोटो :