Tuesday, June 26, 2018

मदमस्त

हूँ मदमस्त  हवा का झोंका ,
सीमा में मुझको मत बाँधो,
आ पहुँचा हूं पास तुम्हारे,
चाहो जितना आनंद उठा लो।

जीवन मरण चक्र विधि हाथ, 
साया भी नहीं रहता साथ,
माया मोह के टंटे से निकलो,
जीवन का आनंद उठा लो ।

आज अभी इस क्षण जीवन है,
जीवन से आह्लादित मन है,
मन में प्रेम की निर्मल धारा,
आओ आकर डुबकी लगा लो।

प्रेम बिना जीवन में क्या रस,
नीरस जीवन मृत्यु समान,
मृत्यु से पहले मृत्यु का वरण,
करें नहीं, सौगंध उठा लो.

पहुंचा हूँ मैं पास तुम्हारे,
चाहो जितना आनंद उठा लो ।





  

Monday, June 18, 2018

ऐसे दीवाने होते हैं

याद में जो करवट बदल दिया, 
क्या इतना होश रहा तुमको, 
यादों में बुत बन जाते हैं 
ऐसे दीवाने होते हैं। 

करवट के सिलवट में शामिल, 
वो हवा के झोंको में शामिल, 
है सभी दिशाओं में प्रवाह,
कैसे उससे बच पाओगे, 
ऐसे मस्ताने होते हैं। 

करवट बदलो  चाहे जितने, 
चाहे किसी तरफ भी मुंह मोड़ो, 
आंखें मीचो भरसक चाहे,
रखो चाहे कानों पे हाथ,
बन जाते हैं यादों के सैलाब, 
ऐसे परवाने होते हैं। 

यादों में बुत बन जाते हैं
ऐसे दीवाने होते हैं।