याद में जो करवट बदल दिया,
क्या इतना होश रहा तुमको,
यादों में बुत बन जाते हैं
ऐसे दीवाने होते हैं।
करवट के सिलवट में शामिल,
वो हवा के झोंको में शामिल,
है सभी दिशाओं में प्रवाह,
कैसे उससे बच पाओगे,
ऐसे मस्ताने होते हैं।
करवट बदलो चाहे जितने,
चाहे किसी तरफ भी मुंह मोड़ो,
आंखें मीचो भरसक चाहे,
रखो चाहे कानों पे हाथ,
आंखें मीचो भरसक चाहे,
रखो चाहे कानों पे हाथ,
बन जाते हैं यादों के सैलाब,
ऐसे परवाने होते हैं।
यादों में बुत बन जाते हैं
ऐसे दीवाने होते हैं।
यादों में बुत बन जाते हैं
ऐसे दीवाने होते हैं।
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