अंतर्मन के अनछुए तारों को छेड़ना ,
जीवन बिसात पर नीति के खेल खेलना
मुस्कुराते हुए दुर्दांत कष्टों को झेलना
कोई हमसे सीखे।
हँसते को रुलाना, रुलाकर हँसाना
सतरंगी सपने पलकों पे सजाना
कटु शब्दों से आहत कर, मृदु बोलों से पटाना
कोई हमसे सीखे।
साथ रह के पास न, पास रह के साथ न
मीत से भी प्रीति न , प्रीति में भी मीत न
जीतकर हारना , हारकर भी जीतना
कोई हमसे सीखे।
प्रेम में तन्मय हो डूब जाना
प्रिय की यादों में गोते लगाना
विश्वास पतवार ले पार जाना
कोई हमसे सीखे।
गम को छुपाकर मुस्कराना
किसी को भी गले से लगाना
संबंधों को पल-पल निभाना
कोई हमसे सीखे।
आंसुओं के सागर को सुखाना
किसी के लिय स्वयं को मिटाना
समस्याओं को शांति से सुलझाना
कोई हमसे सीखे।
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