Wednesday, September 18, 2013

तुम और मैं

तुम याद आते हो -
       
लय टूट जाती है, ताल बिखर जाता है, साज रुक जाता है।  
तुम पास आते हो -
       
धड़कन बढ़ जाती है, साँस रुक जाती है, पलक थम जाती है।
तुम मुस्कुराते हो -
         
कलियाँ खिल जाती हैं, भौरें गुनगुनाते हैं, मन डोल जाता है।  
तुम सिर झुकाते हो -
         
दिल बल्लियों उछलता है, निगाहें चूम लेती हैं, हृदय में प्यार उमड़ता है।
तुम रूठ जाते हो -
         
कलेजा मुहँ को आता है, स्वयं पर क्रॊध आता है, मनाना मुझे आता है।
तुम मान जाते हो-
         
मन मुस्कुराता है, होठ शरारती हो जाते हैं , तुम सिमट जाते हो।  
तुम्हे पत्र लिखता हूँ -
         
हाथ कंपकपाते हैं, स्याही सूख जाती है, निब टूट जाती है।    
***

No comments:

Post a Comment