बाज़ार ने जज़्बातों को यूँ 'आम' बना दिया,
चलो इस तरह से 'आम' को भी 'ख़ास' बना दिया।
छुपा रखते थे जिन पलों को, एक खजाने की तरह,
बाज़ार ने ड्राइंग रूम का सामान बना दिया।
सब दे रहे बधाइयाँ यूँ जन्म दिवस की ,
सोशल साईट ने पैदाइश को आसान बना दिया।
पूँछो जरा उस कोख से कैसा लगा उसे,
बाज़ार ने उसे भी जब अपना बना लिया।
आशीष-कवच छोड़कर, घर के चिराग ने ,
केक पर लगे चिराग (मोमबत्ती) को बुझा दिया।
और इस तरह से अपना जन्मदिन मना लिया।
निजता रही सुरक्षित, इस बाज़ार की चाल से,
लोगों ने कई बार जन्मदिन मना लिया।
लोगों की ख़ुशी खातिर, खुश हो लिए हम भी,
जब भी किसी ने चाहा जन्मदिन मना लिया।
चलो इस तरह से 'आम' को भी 'ख़ास' बना दिया।
छुपा रखते थे जिन पलों को, एक खजाने की तरह,
बाज़ार ने ड्राइंग रूम का सामान बना दिया।
सब दे रहे बधाइयाँ यूँ जन्म दिवस की ,
सोशल साईट ने पैदाइश को आसान बना दिया।
पूँछो जरा उस कोख से कैसा लगा उसे,
बाज़ार ने उसे भी जब अपना बना लिया।
आशीष-कवच छोड़कर, घर के चिराग ने ,
केक पर लगे चिराग (मोमबत्ती) को बुझा दिया।
और इस तरह से अपना जन्मदिन मना लिया।
निजता रही सुरक्षित, इस बाज़ार की चाल से,
लोगों ने कई बार जन्मदिन मना लिया।
लोगों की ख़ुशी खातिर, खुश हो लिए हम भी,
जब भी किसी ने चाहा जन्मदिन मना लिया।
shukriya aisa kiya ki man prafullit kar diya,
ReplyDeleteapne janamdivas par hame bhi aam se khas kar diya🙏🏻
very nice lines sir,aisi soch ko bus ap hi likh skte hai,
wish you very happy birthday again n again 🎉
धन्यवाद मानसी। शुभकामनायें।
DeleteGod bless you sir . Please keep sharing your thoughts and poetry. Regards Dev
ReplyDeleteWell expressed..!!
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद।
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